छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इन दिनों ड्रग केस को लेकर सुर्खियों में है। पुलिस ने जब नशे के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ा तो राजधानी का हाई-प्रोफाइल तबका हिलकर रह गया। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई ऐसे नाम सामने आ रहे हैं, जिनसे जांच एजेंसियां भी हैरान हैं।
यह अभियान रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा की पहल पर शुरू हुआ। खासतौर पर ड्रग्स के खिलाफ चलाए गए इस ऑपरेशन में पुलिस ने उस युवती तक अपनी पकड़ बनाई जिसे ड्रग कारोबार की “डार्लिंग” कहा जाता था। नाव्या मालिक नाम की इस युवती को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि छत्तीसगढ़ में सत्ता से लेकर विपक्ष, नौकरशाही से लेकर उद्योग और व्यापारिक जगत तक कई बड़ी हस्तियां इस नेटवर्क से जुड़ी हैं।
नाव्या के काम-काज से जुड़े नाम चौंकाने वाले थे। कोई पूर्व मंत्री का बेटा निकला, तो कोई विधायक या पूर्व मंत्री का बेटा, कोई विधायक का भतीजा तो कोई पूर्व महापौर या अधिकारी का रिश्तेदार। जांच ने यह साफ कर दिया कि इस रैकेट की जड़ें सत्ता और रसूखदार परिवारों तक फैली हुई हैं।
मामले की शुरुआत शहर के अमानाका थाने की जांच से हुई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब तो कुछ नेताओं के नाम भी सामने आए हैं, जिसने जांचकर्ताओं को चौंका दिया। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि कुछ नेताओं के बेटे अलग-अलग तरह के नशे के आदी थे और यह तथ्य विधि अग्रवाल से जुड़ी जांच में सामने आया। हालांकि, नामों के खुलासे के बाद बड़े परिणाम निकलने की संभावना कम होती दिख रही है।
नाव्या पहले भाजपा के एक बड़े पदाधिकारी के यहां नौकरी करती थी। उसी दौरान वह कांग्रेस के एक नेता के रिश्तेदार से जुड़ी और राजनीति से लेकर व्यापार तक अपने नेटवर्क को फैलाने लगी। धीरे-धीरे उसका नाम लाइफस्टाइल और विदेशी यात्राओं के चलते सुर्खियों में आ गया। पुलिस की जांच में उसकी कई विदेश यात्राओं का भी खुलासा हुआ, जिनमें आईएसएस प्रायोजक भी शामिल बताए जाते हैं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में उन्होंने कई प्रभावशाली हस्तियों तक अपनी पहुंच बनाई है। प्रदेश में धनपतियों से लेकर बड़े नेताओं तक पुलिस की कार्रवाई से खौफ महसूस करने लगे। इसी क्रम में पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व महापौर और आला अफसरों के नाम भी सामने आने लगे हैं।